हिन्दू धर्म ग्रंथों का एक विशाल समुद्र है। जो जातक इस को जितना खोजता है उसे उतना ही ज़्यादा इन ग्रंथों के बारे में पता चलता है।
शास्त्रों और बुधिजीवो के अनुसार भागवत में अपार ज्ञान भरा हुआ है। भागवत को धर्म-अध्यात्म से परिपूर्ण अनमोल ग्रंथ कहा जाता है। भागवत में सभी शास्त्रों का सार समाया हुआ है। भागवत का नियमित पाठ करने से मनुष्य को सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करने का ज्ञान प्राप्त होता है और उसका आत्मविश्वास बढ़ने के साथ नकारात्मकता दूर होती है।
जैसा हम जानते है की भागवत का नियमित पाठ अतिफल दायी होता है परंतु वर्तमान में समय के अभाव के कारण सम्पूर्ण भागवत का नियमित पाठ सामान्य मनुष्य के लिए संभव नहीं हो पाता। ऐसे में विद्वानों के अनुसार इस का उपाय भी भागवत पुराण में उपलब्ध है।
श्री कृष्ण की लीलाओं को समर्पित भागवत पुराण एक श्लोक ऐसा भी है जिस के नियमित विधि-विधान से पाठ करने से सम्पूर्ण भागवत पाठ का फल प्राप्त होता है। इस मंत्र को एक श्लोकी भागवत भी कहते हैं।
।।एक श्लोकी भागवत।।
आदौ देवकीदेवी गर्भजननं गोपीगृहे वर्द्धनम् ।
मायापूतन जीविताप हरणम् गोवर्धनोद्धरणम् ।।
कंसच्छेदन कौरवादि हननं कुंतीतनुजावनम् ।
एतद् भागवतम् पुराणकथनम् श्रीकृष्णलीलामृतम् ।।
भावार्थ: मथुरा में राजा कंस के बंदीगृह में भगवान विष्णु का श्री कृष्ण के रुप में माता देवकी के गर्भ से अवतार हुआ। देव लीला से पिता वासुदेव ने उन्हें गोकुल पहुंचाया। कंस ने मृत्यु भय से श्री कृष्ण को मारने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा। भगवान श्री कृष्ण ने उसका अंत कर दिया। यहीं भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के अहंकार को चूर कर गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊंगली पर उठाकर गोकुल वासियों की रक्षा की। बाद में मथुरा आकर भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध कर दिया। कुरुक्षेत्र के युद्ध में कौरव वंश का नाश हुआ। पाण्डवों की रक्षा की। भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता के माध्यम से कर्म का संदेश जगत को दिया। अंत में प्रभास क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण का लीला संवरण हुआ।
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मंत्र पाठ की विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें। ब्रह्म मुहूर्त : सफलता की कुंजी,जाने महत्व
- सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहने।
- भगवान श्रीकृष्ण के चित्र का विधिवत पूजन करें।
- भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें। (आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।)
- प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।
- रोजना एक ही समय, एक ही आसन पर व एक ही माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
निर्जला एकादशी के विशेष दिन एक श्लोकि भागवत मंत्र का विधि-विधान से पाठ करने से साधक को मनोवांछित फल के साथ ही धन – संपदा की प्राप्ति होती है।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
।।ॐ नमों नारायण।।
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