हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु जी को ही श्री राम और श्री कृष्ण के रूप में पूजा जाता है | भगवान श्री कृष्ण मानव योनि के सभी पड़ाव से होकर (जन्म , मृत्यु , दुख और प्रसंता ,आनंद आदि ) गुजरे है | पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का कंस के कारगर मे देवकी और वासुदेव जी के यहाँ मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र मे जन्म हुआ था |
जन्माष्टमी 2020
भगवान श्री कृष्ण जी के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप मे मनाया जाता है | इस वर्ष ये त्यौहार 11 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा और दही-हांडी का त्यौहार 12 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा |
जन्माष्टमी का मुहूर्त
निशीथ पूजा – 00:05 से 00:45 ( 45 मिनट )
पारण -11:15 ( 12 अगस्त ) के बाद
अष्टमी तिथि आरंभ -09:06 ( 11 अगस्त )
अष्टमी तिथि समाप्त -11:00 (12 अगस्त )
रोहिणी समाप्त –रोहिणी नक्षत्र रहित जन्माष्टमी
जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी पर्व के दिन प्रातः काल उठकर नित्य कर्मों से निर्वत होकर घर पर ही स्नान आदि से निर्वत होकर जन्माष्टमी व्रत का संकल्प लिया जाता है | जन्माष्टमी पर पूरा दिन भक्त उपवास रखते है फिर शाम को फिर से सन्नान आदि से निर्वत होकर मंदिर को सजाते है और मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म समय के उपरांत दक्षिणवर्ती शंख से स्नान कराके और शृंगार करके उनको झूले पे विठाते है और शासत्रानुसार विधि पूर्वक पूजा करते है | मान्यता है कि जो कोई भी श्रद्धा से भगवान वासुदेव जी की पूजा करता है उस के सारे कष्ट मिट जाते हैं और उस सारी मनोकामना पूर्ण होती है।
भोग / प्रसाद
इस दिन धनिया पंजीरी और माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है | मथुरा मे बाँके बिहारी जी के मंदिर मे 56 भोग को चड़ाया जाता है और उसे बाद मै भक्तों मे प्रसाद के रूप में बाँट दिया जाता है |
दही-हांडी
जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का त्यौहार मनाया जाता है ये त्यौहार महाराष्ट्र और गुजरात मे अधिक प्रचलित है वेसे तो हम सभी जानते है की भगवान श्री कृष्ण को माखन कितना अधिक पसंद था वो गोपियों की मटकी से माखन चुरा कर खाया करते थे | श्री कृष्ण जी की इसी लीला को को भक्तों के मन मे जीवंत करने के लिए दही- हांडी का त्यौहार मनाया जाता है |
वैसे तो जन्माष्टमी के पूरे दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग है जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 से 02:07 बजे तक रहेगा | इस बार जन्माष्टमी पर कर्तिक नक्षत्र तो रहेगा पर रोहिणी नक्षत्र नहीं होगा रोहिणी नक्षत्र 13 अगस्त की सुबह 03 :05 से 05 :45 तक रहेगा |
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