हिन्दू शास्त्रों के अनुसार माँ दुर्गा को शक्ति की देवी कहा गया है इसलिए इन्हें माँ शक्ति भी कहा जाता है। माँ शक्ति अपने प्रत्येक रूप में अपने भक्तों की रक्षा करती है और उन पर कृपा बनाए रखती है। यही वजह है की जब भी किसी मनुष्य पर परेशानी आती है तो ज्योतिष शास्त्री सबसे पहले माँ दुर्गा की आराधना और स्तुति का ही सुझाव देते हैं। माँ के आशीर्वाद से कामों में आ रही रुकावटें या परेशनियाँ दूर हो जाती है।
माँ दुर्गा की आराधना और उन को प्रसन्न कर के उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है। कहते है जो भक्त विधी-विधान से दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है माँ उन पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं। मार्कण्डेय पुराण में ब्रहदेव ने मनुष्य जाति की रक्षा के लिए एक परम उपयोगी, कल्याणकारी देवी सुक्त और देवी कवच के बारे में बताया है और कहा है कि जो मानुष दुर्गा सप्तशती का पूरी श्रद्धा से पाठ करेगा उसे सुख मिलेगा और वह इस संसार का सुख भोग कर अन्त समय में बैकुण्ठ को जाएगा।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार दुर्गासप्तशती का नियमित पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप का नाश होता है। परंतु वर्तमान की जद्दो जेहत भरी दिनचर्या में समय के अभाव के कारण दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ सामान्य मनुष्य के लिए संभव नहीं हो पाता। ऐसे में मनुष्य जन प्रतिदिन भोर में माँ अम्बे की विधिवत पूजा- अर्चना कर के नीचे लिखे इस मंत्र का जाप करते है तो उन्हें संपूर्ण दुर्गासप्तशती पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी दुर्गासप्तशती भी कहते हैं।
यह मंत्र इस प्रकार है-
।।एक श्लोकी दुर्गासप्तशती ।।
या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी,या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी
मंत्र पाठ की विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहने।
- माँ दुर्गा के चित्र का विधिवत पूजन करें।
- माँ दुर्गा के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें।
- प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।
- रोजना एक ही समय, एक ही आसन पर व एक ही माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
धर्म शास्त्र की माने तो नित्य दिन दुर्गासप्तशती का ऊपर दिए गये विधि से जप करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं। आपका बड़े से बड़ा संकट भी आसानी से दूर हो जाता है। आपकी सभी मनोकामनाएं पलक झपकते ही पूरी हो जाती है। आपको बता दें कि नवरात्र के दिनों में माँ की अपने भक्तों पर विशेष कृपा होती है। 17 अक्टूबर 2020 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्र में भी अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो मां दुर्गा आपकी झोली खुशियों से भर देगी।
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