Ganesh Visarjan 2021: गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की स्थापना पूरे देश में धूम-धाम से की जाएगी और 10 दिन के गणेशोत्सव का आरम्भ हो जाएगा। इस वर्ष COVID-19 के कारण पंडालो ने श्रधालुओ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्सव के दौरान ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की है।
गणेशोत्सव में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की स्थापना का जितना महत्व है उतना ही भगवान गणेश जी के विसर्जन को महत्व दिया जाता है। भक्त जन भगवान गणेश जी को अपने घर डेढ़, तीन, पांच, सात या ग्यारह दिनों तक विराजित करते हैं और उनकी यथा शक्ति पूरे विधी विधान से पूजा करते हैं। उसके बाद भगवान गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन तिथि के अनुसार किया जाता है और प्रार्थना की जाती है की भगवान गणेश इसी तरह अगले साल भी आएं और सब को आशीर्वाद प्रदान करें।गणेशोत्सव में
गणेश विसर्जन की कथा ( Story of Ganesh Visarjan)
पौराणिक कथा के अनुसार वेद व्यास जी ने लगातार दस दिनो तक भगवान गणेश जी को गणेश चतुर्थी से लेकर महाभारत तक की कथा सुनाई और गणेश जी इसे लगातार लिखा। दसवें दिन जब वेद व्यास जी ने अपने नेत्र खोले तो पाया कि गणेश जी का शरीर तप रहा है, जिसके बाद वेद व्यास जी ने पास के सरोवर के जल से गणेश जी के शरीर को ठंडा किया था। इसी वजह से चतुर्दशी के दिन जल में प्रवाहित किया जाता है।
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गणेश विसर्जन तिथि एवं शुभ मुहूर्त (Auspicious Time Of Ganesh Visarjan )
गणेशोत्सव का प्रारम्भ चतुर्थी से होता है एवं इसका समापन चतुर्दशी तिथि के दिन होता है। गणेश विसर्जन के लिए अनन्त चतुर्दशी तिथि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है परंतु आज कल की भाग दौड़ भरी दिनचर्या में पूरे 10 दिनो के लिए घर में विराजमान करना और उनकी पूरे विधी विधान से पूजा अर्चना करना आम इंसान के लिए मुश्किल है इसलिए लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार डेढ़, तीन, पांच, सात या ग्यारह दिनों तक गणेश जी को विराजित करते हैं और उनकी यथा शक्ति पूरे विधी विधान से पूजा करते हैं। उसके बाद भगवान गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
डेढ़ दिन के बाद गणेश विसर्जन
जो भक्त अगले दिन गणेश विसर्जन करते हैं, वे गणेश पूजा करने के बाद प्रतिमा को मध्याह्न के अगले पहर विसर्जित करते हैं। चूँकि, गणेश स्थापना चतुर्थी तिथि के दिन मध्याह्न में होती है, और विसर्जन, मध्याह्न के बाद, इसलिए इसे डेढ़ दिन में गणेश विसर्जन कहा जाता है।
एक और आधा दिन (डेढ़ दिन) के बाद गणेश विसर्जन शनिवार, 11 सितम्बर 2021 को
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 12:17 पी एम से 04:58 पी एम सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 06:31 पी एम से 07:58 पी एम रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 09:24 पी एम से 01:44 ए एम, 12 सितम्बर उषाकाल मुहूर्त (लाभ) – 04:38 ए एम से 06:04 ए एम, 12 सितम्बर
तीसरे दिन गणेश विसर्जन
तीसरे दिन गणेश विसर्जन रविवार , 12 सितम्बर 2021 को
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
पांचवे दिन गणेश विसर्जन
पांचवें दिन गणेश विसर्जन मंगलवार, 14 सितम्बर 2021 को
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
सातवे दिन गणेश विसर्जन
सातवें दिन गणेश विसर्जन बृहस्पतिवार, 16 सितम्बर 2021 को
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अनन्त चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन
अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन रविवार, 19 सितम्बर 2021 को
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
गणेश विसर्जन पूजा विधि ( Ganesh Visarjan Pooja Vidhi)
1. विसर्जन से पहले उनका तिलक किया जाता है।
2. उसके बाद उन्हें फूलों का हार, फल, फूल,मोदक लड्डू आदि चढ़ाए जाते हैं।
3.इसके बाद भगवान गणेश के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है।
4. उपर्युक्त प्रकार पूजा करने के बाद, पूजा में उपस्थित सभी बालक-पुरुष-महिलाएँ अपने हाथों में पुष्प लेकर भगवान गणेश, महा-लक्ष्मी, महा-काली, महा-सरस्वती, कुबेर की जय-जयकार बोलें तथा छोटे-बड़े के क्रम से उनके सम्मुख पुष्प अर्पित करते हुए दण्डवत् प्रणाम करें।
5.भगवान गणेश को पूजा में जो भी सामग्री चढ़ाई जाती है। उसे एक पोटली में बांध लिया जाता है। 6. इस पोटली में सभी सामग्री के साथ एक सिक्का भी रखा जाता है और उसके बाद गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता है। भगवान गणेश के विसर्जन के साथ ही इस पोटली को भी बहा दिया जाता है।
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