हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज 8 मई 2022 को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रविवार दिन है। किसी भी माह के रविवार को जब सप्तमी तिथि होती है, तो उस दिन भानु सप्तमी का पर्व होता है। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान सूर्य की पूजा विधिपूर्वक करने की परंपरा है। आज के दिन सूर्य को जल देना लाभकारी होता है। व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता नष्ट हो जाती है।
क्यों मनाते हैं Bhanu Saptami
मान्यताओं के अनुसार भानु सप्तमी की पूर्व संध्या पर, सूर्य देवता ने सात घोड़ों के रथ पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की। कई अन्य सप्तमी तिथियों में, भानु सप्तमी को बहुत शुभ माना जाता है और इसे पश्चिमी भारत और दक्षिणी भारत के क्षेत्रों में व्यापक रूप से मनाया जाता है। भानु सप्तमी के दिन भक्त सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए दित्य हृदय स्तोत्र का जाप करने के साथ-साथ महा-अभिषेक करके भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। भक्त गरीबों को फल, वस्त्र आदि का दान भी करते हैं। इस सप्तमी को व्यापक रूप से सूर्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
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Bhanu Saptami की पूजा विधि
आज सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद सप्तमी पूजा का संकल्प करे।अब पूजा स्थान पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठें। अब सूर्य देव का अक्षत्, लाल फूल, लाल चंदन, धूप, गंध आदि से पूजा अर्चना करें। इसके बाद सूर्य देव की आरती करें। पूजा संपन्न होने के बाद एक जलपात्र में गंगा जल मिला हुआ जल लें, उसमें अक्षत्, लाल फूल और लाल चंदन मिला लें। फिर उस जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें तथा ‘ओम सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। भानू सप्तमी के दिन संभव हो तो खाने में नमक का प्रयोग न करें।
भानु सप्तमी के दिन सूर्य का पूजन करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति बढ़ती है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार रथ सप्तमी को सूर्य जयंती के रुप में मनाया जाता है और इस दिन के लिए विशेष पूजा विधि अपनाई जाती है जिसमें स्नान, दान, सूर्य पूजा की जाती है। सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है, ब्रह्मांड में सूर्य के चारो तरफ सभी ग्रह चक्कर काटते हैं। इस दिन सूर्य देव को खुश करने के लिए आदित्य ह्रदयं और अन्य सूर्य स्त्रोत पढ़ना और सुनना शुभ माना जाता है। इससे मनुष्य स्वस्थ्य रहता है। मान्यता है कि रोजाना सूर्य को जल चढ़ाने से बुद्धि का विकास होता है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। भानु सप्तमी के दिन सूर्य का पूजन करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति बढ़ती है। माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
सूर्य सप्तमी पर सूर्य उपासना के लाभ
– सूर्य सप्तमी पर व्रत रखने और सूर्यदेव की उपासना करने पर मन को शांति और अच्छी स्मरण शक्ति मिलती है।
– सूर्य सप्तमी पर सूर्य उपासना करने पर मान-सम्मान और यश की बढ़ोत्तरी होती है।
– प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की साधना करने से सभी तरह के पाप, रोग, भय आदि से मुक्ति मिलती है।
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