सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है | इस साल यह २५ जुलाई २०२० को पड़ रही है | इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है ओर उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है |
सर्प दूध को पचा नहीं सकते तो उन्हें दूध नहीं पिलाना चाहिए
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी की पूजा का संबंध धन से जुड़ा हुआ है | शास्त्रों के अनुसार नाग देव गुप्त धन की रक्षा करते हैं | इस कारण ही नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने से धन सम्पदा का भी लाभ होता है |
इस दिन जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग होता है उसके अचूक उपाय करके मुक्ति पायी जाती है | और साथ ही साथ इस पूजा से पित्र दोष, शनि दोष , राहु दोष आदि से मुक्ति मिलती है |
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि प्रारंभ – 14:34 ( 24 जुलाई 2020)
पंचमी तिथि समाप्त – 12:02 ( 25 जुलाई 2020)
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 05:39 AM to 08:22 AM ( 25 जुलाई 2020)
अवधि : 2h 44 min
पूजा विधी
नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा के स्थान पर गोबर से नाग बनायें
मंदिर में दूध, दही, घी, शहद और चीनी का पंचामृत बना कर नाग-नागिन के जोडे को स्नान करायें
लकड़ी के पाटे (पटरे) पर साफ लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर नाग-नागिन के जोडे को विराजें |
जल, पुष्प , लाल सिंदूर, चंदन, धूप-दीप और फल अर्पण करें |
इसके उपरांत प्रसाद स्वरूप सिवई की खीर का भोग लगाएँ और आरती करें |
नाग पंचमी पूजा मन्त्र :
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
मन्त्र अर्थ – इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएँ, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें तथा हम सभी आपको बारम्बार नमन करते हैं।
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
मन्त्र अर्थ – नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। यदि प्रतिदिन प्रातःकाल नियमित रूप से इनका जप किया जाता है, तो नाग देवता आपको समस्त पापों से सुरक्षित रखेंगे तथा आपको जीवन में विजयी बनायें।
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