चैत्र नवरात्रि (Navratri 2022)एक नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और इस दौरान उपवास करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इन नौ दिनों का उपवास करते हैं, उन्हें देवी दुर्गा अपनी कृपा प्रदान करती हैं। इस दौरान भक्तों को ध्यान करना चाहिए, देवी महात्म्य का पाठ करना चाहिए और माँ दुर्गा के नौ रूपों में से प्रत्येक को समर्पित श्लोकों / मंत्रों का जाप करना चाहिए। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान एक व्रती (उपवास रखने वाले व्यक्ति) को लहसुन, प्याज, गेहूं, चावल, दाल और मांस से परहेज़ करना चाहिए।
नवरात्रि (Navratri) के दौरान उपवास करने से आध्यात्मिक और आंतरिक शक्ति का संचार होता है। यह मन की बेचैनी को कम करता है और चीत को शांत कर जागरूकता और आनंद की अनुभती लाता है। ये आपकी इंद्रियों, शरीर, मन और आत्मा को शांत करने में आपकी मदद करते हैं।
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नवरात्रि के दौरान उपवास के लाभ (Benefits of fasting during Navratri)
- आध्यात्मिक आत्म से जुड़ने के लिए एक आदर्श समय होने के अलावा, नवरात्रि का समय अपने आप को डिटॉक्स करने और पूर्व में जाने अनजाने में हुए पाप के लिए पश्चाताप करने का सबसे अच्छा समय होता है।
- इन नौ दिनों के दौरान, लोग विभिन्न प्रकार के फल और खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जो पौष्टिक होने के साथ-साथ इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट पूरे शरीर की सफाई के लिए फायदेमंद होते हैं।
- जब आप उपवास करते हैं, तो आपके तरल पदार्थ का सेवन बढ़ जाता है। यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
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- गेहूं, चावल और दाल से परहेज करते हुए हल्के भोजन पदार्थ जैसे सिंघारे का आटा, कुट्टू का आटा, समा, साबूदाना आदि सामग्री को भोजन में लेने से लोग अपने पाचन तंत्र को बहुत जरूरी आराम देते हैं।
- नवरात्रि उपवास के दौरान लोग टेबल सॉल्ट या प्रोसेस्ड/रिफाइंड नमक की जगह सेंधा नमक (रासायनिक के बिना शुद्ध नमक) लेते हैं जो पाचन में मदद करता है, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है और पूरे दिन शरीर को सक्रिय रखता है।
- उपवास के दौरान व्रती गर्मी पैदा करने वाले मसालों जैसे हल्दी, हिंग, गरम मसाला, राय / सरसों, लवंग (लौंग) के उपयोग से बचते हैं और खाना पकाने के लिए तिल/सरसों के तेल के उपयोग से भी बचते हैं। व्रत की रेसिपी बनाने के लिए मूंगफली के तेल या घी का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार, इनसे परहेज करके और जीरा (जीरा) और काली मिर्च (काली मिर्च) का उपयोग करने से शरीर ठंडा और तरोताजा रहता है।
- ध्यान और प्रार्थना नवरात्रि व्रत के महत्वपूर्ण अंग हैं। ये आपकी इंद्रियों, शरीर, मन और आत्मा को शांत करने में आपकी मदद करते हैं। संक्षेप में, नवरात्रि के दौरान उपवास करने से व्यक्ति आत्म-संयम, आत्म-अनुशासन, और कम से कम आध्यात्मिक जागरण का अभ्यास कर सकता है।
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