Mahashivratri 2021: देशभर में भगवान शिव की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि की तैयारियां शुरू हो गई हैं. वर्ष में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि का इंतजार शिवभक्तों को पूरे साल रहता है. इस पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा नजर आता है. शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उपवास समेत कई उपाय करते हैं. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि की पूजा अगर शुभ मुहूर्त में की जाए तो कई गुना फल प्राप्त होता है. इस बार महाशिवरात्रि के दिन विशेष योग भी बन रहा है और इस योग में पूजा करने से फल में वृद्धि होती है.
शिव योग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि :- इस वर्ष महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि 11 मार्च को मनाई जाएगी. इस शुभ दिन पर चंद्रमा मकर राशि में तो सूर्य कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे. इसके साथ ही भक्तिभाव का ये महत्वपूर्ण पर्व शिव योग में मनाया जाएगा. इस विशेष दिन पर अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 55 तक रहेगा.
कैसे करें महाशिवरात्रि की पूजा :- महाशिवरात्रि के दिन प्रातः स्नान आदि करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा आरंभ करें. अगर उपवास ले रहे हैं तो नियमों का पूरी कठोरता के साथ पालन करें तभी फल की प्राप्ति होगी. इसके साथ ही महाशिवरात्रि के व्रत का पारण भी विधि पूर्वक करना चाहिए. सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य समय में ही व्रत का पारण कर लेना चाहिए.
हर प्रहर में होती है पूजा :- वैसे तो अधिकतर लोग महाशिवरात्रि की पूजा प्रातः करते हैं. लेकिन इस दिन चार बार भगवान शिव की पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि भोलेनाथ की पूजा अगर संभव हो तो रात के समय एक बार या फिर चार बार जरूर करनी चाहिए. इस दिन हर प्रहर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है.
निशिता काल पूजा समय और पारण मुहूर्त :- महाशिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा का समय 11 मार्च को प्रात: 12 बजकर 06 मिनट से प्रात: 12 बजकर 55 मिनट तक है. जबकि व्रत का पारण मुहूर्त 12 मार्च: प्रात: 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 तक रहेगा.
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