Laabh Panchami 2023: लाभ पंचमी, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Laabh Panchami 2023 - हिन्दू कैलेंडर का कार्तिक महीना तीज त्योहारों से भरा होता है। इसी माह के शुक्ल पक्ष ...
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Ganesh Visarjan 2021: गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की स्थापना पूरे देश में धूम-धाम से की जाएगी और 10 ...
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देश भर में अनेक प्रसिद्ध गणेश मंदिर हैं और गणपति महोत्सव के मौके पर उन सब मंदिरो में दर्शनो के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। अब हमआपको गणेश जी के 8 मंदिरो के बारे में बता रहें जो बहुत प्राचीन है। महाराष्ट्र के पुणे के विभिन्न स्थानो में गणेश जी के आठ मंदिर हैं, इन्हें अष्टविनायक कहा जाता है। इन मंदिरों में गणेश जी की स्वयंभू (अपने आप प्रकट हुई) प्रतिमा है और कहा जाता है की यहाँ भगवान गणेश स्वयं विराजते हैं और इन अष्ट स्वरूप के दर्शन मात्र से कई जन्मों का पुण्य मिलता है। गणपति महोत्सव के मौके पर अष्टविनायक यात्रा का अपना महत्व है। पुणे के आस-पास स्थित गणपति जी के आठ स्वयभू मंदिरों के दर्शन के लिए यूंतो हमेशा ही श्रद्धालुओं की भीड़ रहती हैं, लेकिन गणेशोत्सव के दौरान यहां का माहौल अलग ही निराला होता है। इन अष्टविनायकों के साथ कईदिलचस्प कहानियां जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि ब्रह्मा जी के वरदान के बाद श्री गणेश ने हर युग में अलग-अलग रुपों में अवतार लिया और लोगोंको आशीर्वाद दिया। ।। अष्टविनायक मंत्र ।। स्वस्ति श्रीगणनायकं गजमुखं मोरेश्वरं सिद्धिदम् ॥१॥बल्लाळं मुरुडे विनायकमहं चिन्तामणिं थेवरे ॥२॥लेण्याद्रौ गिरिजात्मजं सुवरदं विघ्नेश्वरं ओझरे ॥३॥ग्रामे रांजणनामके गणपतिं कुर्यात् सदा मङ्गलम् ॥४॥ श्री मयूरेश्वर मंदिर (मोरगांव, पुणे) मयूरेश्वर (मोरेश्वर) मंदिर पुणे से ८० किलोमीटर मोरगाँव में स्थित है। इस मंदिर के चारों कोनों में मीनारें और दीवारें हैं। यहाँ चार द्वार हैं जो चारों युग ( सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग) के प्रतीक हैं। यहाँ गणेशजी बैठी हुई मुद्रा विराजमान है। कहते हैं कि इसी स्थान पर गणेश जी नेसिंधुरासुर नाम के राक्षस का वध मोर पर सवार होकर उससे युद्ध करते हुए किया था। इसी कारण उनको मयूरेश्वर कहा जाता है। ये भी पढ़े : Ganesh Chaturthi 2020: घर में गणपति स्थापना, ...
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आज भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है | आज से १५ वे दिन बाद गणेश स्थापना होती है , चलिए जानते ...
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