Somvati Amavasya : सोमवती अमावस्या – महत्व और व्रत कथा
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि को अमावस्या होती है। यह एक महत्वपूर्ण दिन ...
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि को अमावस्या होती है। यह एक महत्वपूर्ण दिन ...
शास्त्र के अनुरार “श्रद्धयां इदम् श्राद्धम्” अर्थात पितरों के निमित्त श्रद्धा से किया गया कर्म ही श्राद्ध है। साधारण शब्दों में श्राद्ध अपनेकुल देवताओं और पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में श्राद्ध 16 दिनों की विशेष अवधि है। यह भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारम्भ होकर आश्विन की अमावस्या तक होता है। इस अवधि को श्राद्ध पक्ष, पितृपक्ष और महालय के नाम सेजाना जाता है। माना जाता है की इस अवधि के समय पूर्वज जिनका इस संसार से गमन हो गया है वो विभिन्न रूपों में पृथ्वी पर अपनेरिश्तेदारों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। श्राद्ध कैसे शुरू हुआ? महाभारत में गंगा पुत्र भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को श्राद्ध के विषय में खास ...
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